Monday, January 5, 2009

सच

ऐ सच तू आके मिल मुझे
मेरे झूठ को झंझोड़ दे
मेरे ख्वाब को अब तोड़ दे

तस्वीर दिखती है तेरी
तेरे जिस्म के पीछे जो दिखता है वो मेरा काल है
ख्वाबों में जीता हूँ मै अब, मेरा ये हरदम हाल है
सच्चा जो मेरा अक्स है उसे मैं खो बैठा कहीं

ऐ सच तू आके मिल मुझे
मेरे झूठ को झंझोड़ दे
मेरे ख्वाब को अब तोड़ दे

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