मेरी कौपी के पीले पन्ने
बंद हैं उसमें मेरे दोस्त वो नन्हे
मेरे स्कूल के पेड़ के पत्ते
लाल गुलाब के फूल थे रखते
मेरी कौपी के पीले पन्ने
छोटी सी कौपी थी मेरी जिसके कवर पे नाम लिखा था हिंदी में मेरा
उस कौपी के पन्नों में अब भी बस्ता है मेरी यादों का डेरा
हल्के काले रंग के पेंसिल से लिखे वो मासूम से अक्शर
घिस गये हों जैसे वक्त की सड़क पर नंगे पाँव चलकर
मेरी कापी के पीले पन्ने
बंद हैं उसमें यादों के वो मीठे गन्ने
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